मनुष्य दूसरे जानवरो की तरह घास क्यों नहीं खाता ?

क्या आप जानते हैं ? 

Q:-मनुष्य दूसरे जानवरो की तरह घास क्यों नहीं खाता ? 
घास प्राकृतिक है और यह विषाक्त नहीं है । घास आहार के साथ दो मुख्य समस्याएं हैं । पहला यह है कि मानव पेट को कच्ची पत्तियों और घास को पचाने में कठिनाई होती है ।
 घास खाने से मनुष्यों के लिए पोषण मूल्य शून्य होता है । दूसरी ओर , गायों जैसे जानवरों के पास घास के पाचन में सहायता के लिए चार कक्षों के साथ एक विशेष पेट होता है । हम मनुष्यों के पेट ऐसे नहीं होते । अगर हम इसे ज्यादा खा लेते हे तो हमें उल्टी होने या दस्त होने की संभावना होगी । और घास हम पेट में से बाहर निकाल देंगे ।

पाचन मुद्दों के अलावा , खाद्य स्रोत के रूप में घास के साथ एक दूसरी समस्या यह है की घास को अच्छी तरह चबाना है । चरने वाले जानवरों के दांत होते हैं जो लगातार विकसित होने के लिए अनुकूलित होते हैं , और उनके घीसे हुए दांत की सरफेस फिरस से रेप्लस होती है । मगर मनुष्यो में ऐसा कुछ नहीं इसलिए मनुष्य घास नहीं खाते ।

Q:- ऊंट रेगिस्तान में ज्यादा दिनों तक कैसे जीवित रह पाता है ?
 Ans:- ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहते हे आज हम जाननेंगे ऊंट की शरीर की रचना कैसी हे जो रेगिस्तान की कठिन परिस्थिति ओ में भी ऊंट बिना पानी के और कुछ खाए बिना कई दिन गुजार सकता हे । 
• ऊंट भोजन के बिना कई महीनों तक रह सकते हैं । जब ऊंट पानी पीता हे तब वे केवल 13 मिनट में 30 गैलन ( 113 लीटर ) पानी पी सकते हैं । एक ऊंट पानी के बिना एक सप्ताह या उससे अधिक रह सकता है । इस वजह से ऊंट ज्यादा समय बिना पानी के रह सकते हे।
 • ऊंट के होठ बड़े होते हे जिसकी वजह से वे कांटेदार पौधे आसानी से खा सकते है । 
ऊंटों के कूबड़ में वासा संग्रहीत होता है , जिसे वे भोजन और पानी की कमी होने पर चयापचय कर सकते हैं । 

• ऊँट के पैर चौड़े होते हैं ताकि वे रेत पर अधिक आसानी से चल सकें । उनके विशाल पैर उन्हें बिना रेत में फसे चलने में मदद करते हैं । 

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