Q.मरने से ठीक पहले क्या होता है हम लोगो के साथ
हिंदी
ठीक पहले याद आते हैं सब रिश्ते नाते पुराने,
जिनसे बात किये बीत गए थे ज़माने !
मरने से ठीक पहले इंसान बस जीना सीख ही रहा होता है, पर | तभी ज़िंदगी का दामन छूट रहा होता है !
मरने से ठीक पहले दिल चाहता है अपनों को जीभर के देखना, | कभी न ख़त्म हो इतनी बातें कर लेना ! |
मरने से ठीक पहले याद आता है माँ बाप की गोद में बीता हुआ बचपन , कैसे परिवार की जिम्मेदारियों में
उम्र हो गयी तीस से पचपन
मरने से ठीक पहले याद आता है जिंदगी का हर वो छोटा बड़ा किस्सा , जिसका जाने अनजाने अपने बेगाने बन गए थे हिस्सा!
मरने से ठीक पहले याद आती है जन्मभूमि , अपने हाथों से लगाया पेड़ और बचपन वाला पुराना घर , वो साइकिल पर पीछे बैठे बचपन के साथी के साथ पूरे किये गए लम्बे लम्बे सफ़र !
मरने से ठीक पहले लगता है कि काश ऊपरवाला थोड़ा सा वक़्त और देता , जिन जिन का दिल दुखाया
है उनसे मिलकर माफ़ी मांग लेता !
मरने से ठीक पहले होने लगता है अपनों को कभी न देख | पाने का गम , अब विदा लेने का वक़्त आ | गया ये सोचकर हो जाती हैं आँखें नम !
दूध के दांत क्यों टूट जाते हैं ?
आमतौर पर बच्चे 6 से 7 साल की उम्र में, जब उनके जबड़े परिपक्व आकार के हो गए हो, अपने प्राथमिक दांत खोने लगते हैं। इस का कारण यह है कि बच्चे का जबड़ा स्थायी दांत को ज़माने के लिए अभी छोटा होता है। 6 साल से लेकर 9 साल के बीच बच्चे के जबड़े का विकास हो चूका रहता हैं वो धीरे धीरे अपने दांत को खोने लगता हैं, दूध के दांत के दर पर स्थायी दांत आने लगते अहिं। नीचे से बढ़ रहे स्थायी दांत दूध के दांत को ढीला कर बाहर निकल देते हैं। दूध का दांत स्थायी दांत (वयस्क दांत) की वृद्धि तथा उनके उचित स्थान के मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार हैं।
विभिन्न प्रकार के दांत अलग अगल समय पर गिरते हैं, सामने के दांत सबसे पहले गिरना शुरू करते हैं।
बोनस जानकारी - क्या जानवरों के दूध के दांत भी गिरते हैं? हाँ कुत्ते बिल्लियों समेत तमाम किस्म के स्तनपायी जानवरों में दूध के दांत पाए जाये है जो गिरकर स्थायी दांत में तब्दील हो जाते हैं।
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